tag:blogger.com,1999:blog-6964611711745971282.post7471771997868814928..comments2023-09-22T15:57:15.202+05:30Comments on Dr. PRAVEEN TIWARI: पत्रकारों और मक्कारों में फर्क!!Dr. Praveen Tiwarihttp://www.blogger.com/profile/09151381693360749265noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-6964611711745971282.post-5664800753920596332015-06-27T11:06:26.875+05:302015-06-27T11:06:26.875+05:30दलाल और मक्कार आज हर पेशे में साँप की तरह फन फैलाय...दलाल और मक्कार आज हर पेशे में साँप की तरह फन फैलाये बैठे हैं । दर्शक ही दर्शक हैं हर जगह बोलने वाले बहुत गिने चुने रह गये हैं । वो ही बोलते हैं जिन्हें पिटने पिटाने का शौक रहता है :)सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6964611711745971282.post-83754920341074204872015-06-26T14:27:57.578+05:302015-06-26T14:27:57.578+05:30ब्लॉग बुलेटिन की १००० वीं बुलेटिन, एक ज़ीरो, ज़ीर...ब्लॉग बुलेटिन की १००० वीं बुलेटिन, <a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2015/06/blog-post_26.html" rel="nofollow"> एक ज़ीरो, ज़ीरो ऐण्ड ज़ीरो - १००० वीं बुलेटिन </a> , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !ब्लॉग बुलेटिनhttps://www.blogger.com/profile/03051559793800406796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6964611711745971282.post-90193789651661355812015-06-25T23:29:05.321+05:302015-06-25T23:29:05.321+05:30आप लिखते हैं, "दलाल बनने की ट्रैनिंग तो कोई द...आप लिखते हैं, "दलाल बनने की ट्रैनिंग तो कोई दे नहीं सकता". जबकि मेरा अनुभव इसके उलट है. इस पेशे में आने वाले हर नए व्यक्ति को उसके वरिष्ठ सबसे पहले इसी का प्रशिक्षण देते हैं. इस फेन में माहिर हो गया तो फिर मालिकों का कृपा पात्र बन खुद मठाधीश हो जाता है, और अगर असफल रहता है तो नाम मात्र के वेतन के चलते खुद ही बाहर हो जाता है.ध्यान विनयhttps://www.facebook.com/Vighnakartanoreply@blogger.com