शनिवार, 2 जनवरी 2010
नए साल का स्वागत विवाद से !
साल के पहले दिन लगभग सभी चैनलों पर नए साल के स्वागत के लिए तैयार किए गए कार्यक्रमों का बोलबाला था। इयर एंडर और नाच गाने के कार्यक्रमों के बीच इक्का दुक्का चैनलों ने अंग्रेजी के मशहूर लेखक चेतन भगत की दर्द-ए-3 इडियट्स की दास्तां को भी चलाया। हमारे प्राइम टाईम शो के लिए मुझे भी यही सबसे बेहतरीन सबजेक्ट लग रहा था और दिल में कहीं ये भी चल रहा था की हो न हो ये आज की सबसे बड़ी ख़बर यहीं बनने वाली है। शाम होते होते मेरे विचारों को मूर्त रूप दे दिया विधु विनोद चोपड़ा साहब ने। ख्यातनाम और सफल फिल्मकारों की आला सूची में शामिल विधु नोएडा के एक मॉल में आयोजित 3 इडियट्स की एक प्रेस कॉंफ्रेंस में मीडिया के साथ अपने अप्रिय व्यव्हार की वजह से इडियट बन गए।
दरअसल चेतन भगत ने फिल्म में खुद को वाजिब तवज्जों नहीं दिए जाने को लेकर अपना विरोध पहले अपने ब्लॉग में ज़ाहिर किया फिर मीडिया का सहारा लिया। विधु मीडियावालों पर इसी मुद्दे से जुड़े सवाल पर चिड़ गए। किस्मत मेरी भी अच्छी रही की विधु विनोद चोपड़ा के इस कारनामे के पहले ही मैंने चेतन के साथ एक कार्यक्रम फिक्स कर लिया था। किस्मत इसीलिए अच्छी क्योंकि शाम होते होते देश का पूरा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया चेतन के घर पर अपनी ओबी वैन भिजवा चुका था। वादे के मुताबिक चेतन मेरे साथ नौ बजे मुखातिब हुए और अपनी पूरी कहानी बताई।
हुआ यूं कि चेतन की मां बड़े अरमानों के साथ फिल्म देखने गई थी लेकिन फिल्म की शुरूआत में उनके बेटे के नाम का कहीं ज़िक्र नहीं होने पर वो रोने लगीं और बीच में ही फिल्म छोड़ कर चली आईं। चेतन को इस बात ने ज़बरदस्त ठेस पहुंचाई और उन्होंने जमकर बगावत का झंडा बुलंद कर दिया। वैसे इस फिल्म को बनाने से पहले चेतन और निर्माताओं के बीच एक लिखित क़रार हो चुका था लेकिन चेतन का आरोप है कि इस क़रार के बाद से उन्हे लगातार अपमानित किया गया, फिल्म के प्रमोशन से लेकर प्रीमियर तक हर जगह उन्हे नज़र अंदाज़ किया गया। आमिर खान तक कोलकाता और नोएडा में हुई अपनी प्रेस कांफ्रेस चेतन को प्रचार का भूखा कह गए। लेकिन विधु विनोद चोपड़ा के गुस्से ने सब किए कराए पर पानी फेर दिया क्योंकि उनकी इस हरकत से चेतन के आरोपों को बल मिला और पत्रकारों ने आमिर, राजू हिरानी और विधु के मुंह पर ये कह दिया की आप लोगों का ये व्यव्हार ये बताता है की दाल में कुछ काला है।
आपको अगर याद हो तो आमिर की एक और फिल्म तारे ज़मीं पर को लेकर की भी ऐसा ही विवाद हुआ था। तब अमोल गुप्ते ने आरोप लगाया था की उनकी कहानी और मेहनत का फल आमिर खा रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं की आमिर खान मि. परफेक्शनिस्ट हैं और बहुत मेहनती कलाकार हैं, लेकिन चाहे प्रमोशन हो या फिल्म का निर्माण दोनों में आमिर की ही तूती बोलती है और बाकी की टीम बस उसका आनंद लेती है। चेतन भगत ने भी ये कहा कि फिल्म की कहानी और करार की बातों पर निर्माताओं को बोलना चाहिए, आमिर उनके बहकावे में आकर ये सब बातें बोल रहे हैं, जबकी आमिर का इस मामले से कोई लेना देना ही नहीं क्योंकि उनका आमिर के साथ न तो कोई करार हुआ है और न ही कोई बातचीत। ज़ाहिर है चेतन जानते है कि आमिर की फैन फॉलोईंग उनसे कहीं ज्यादा है और आमिर की बातों से आमिर के फैन उनके खिलाफ हो जाएंगे इसीलिए चेतन पूरी बातचीत में आमिर ख़ान के बारे में कुछ भी कहने से बचते रहे और साथ ही ये भी कहते रहे की आमिर जो कुछ कह रहे हैं वो उन्हे निर्माताओं ने कहने के लिए कहा है।
मुद्दे की बात ये है की चेतन भगत और फिल्म की टीम दोनों ही इस मुद्दे को ज़बरदस्त तूल दे रहे हैं क्योंकि इससे दोनों को ही पब्लिसिटी मिल रही है। चेतन ने तो इस बात को बातचीत में स्वीकारा भी की विधु का गुस्सा और आमिर-राजू की सफाई उन्हें और उनकी किताब को प्रचारित ही कर रहे हैं। मेरे ये पूछने पर कि चेतन आखिर चाहते क्या हैं और इस लड़ाई का अंत क्या होगा उनका कहना था कि लड़ाई का अंत हो चुका है और विधु विनोद चोपड़ा की बौखलाहट उनकी जीत है जो उनकी सच्चाई बताती हैं। जो भी हो मुझे लगता है चेतन को साल के पहले ही दिन अपनी आने वाली किताब के लिए एक बढ़िया प्लॉट और अच्छी पब्लिसिटी मिल गई, आमिर को फिल्म की सफलता के बावजूद विधु के व्यव्हार की वजह से शर्मिंदगी झेलनी पड़ी और दर्शकों को मीडिया के तीन अलग-अलग माध्यमों लेखक, फिल्मकार और उनके बीच की कड़ी न्यूज़ चैनल्स की ज़बरदस्त उठापटक देखने को मिली।
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3 टिप्पणियां:
sahi farmaya apne
navvarsh par sabhi ko
sammati di bhagwan
बहुत अच्छा है डाक्टर साहब। आपको बधाइ
बात तो वाजिब है पर सवाल यह भी अपने जगह सही है कि हकमारी की परंपरा मिडिया में कम नहीं है फिर उंगली सिर्फ दूसरे की तरह क्यों
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