बुधवार, 10 मार्च 2010

क्या दूरदर्शन बदलने वाला है?


क्या दूरदर्शन बदलने वाला है?
दूरदर्शन की महानिदेशक अरुणा शर्मा अब दूरदर्शन को लोकप्रिय चैनलों की दौड़ में आगे लाना चाहती हैं। पूरे देश में पहुंच होने के बावजूद दूरदर्शन की लोकप्रियता आधुनिक चैनलों के मुक़ाबले कम हुई है। एक ज़माना था जब सिर्फ दूरदर्शन ही दर्शकों का एक मात्र सहारा था लेकिन बदलते वक्त के साथ अब चैनलों की बाढ़ आ गई है और इस दौड़ में दूरदर्शन को भी बनाये रखने की ज़रूरत अब महसूस की जा रही है। दूरदर्शन की कॉमनवेल्थ गेम्स को लेकर की गई तैयारियों पर बात करने के लिए उसकी महानिदेशक अरुणा शर्मा लाइव इंडिया स्टूडियो में मौजूद थी। दूरदर्शन अपनी तैयारियों को लेकर कितना गंभीर है और बदलाव को लेकर पुराने ढर्रे को तोड़ने के लिए कितना तत्पर है इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि दूरदर्शन के महानिदेशक अब निजी चैनलों के माध्यम से भी दूरदर्शन की तैयारियों को आम दर्शकों तक पहुंचाना चाहती हैं।

महानिदेशक दूरदर्शन ने बताय कि उनका पहला मक़सद कॉमनवेल्थ गेम्स का सफलतापूर्वक प्रसारण करना है क्योंकि इन खेलों के दूरदर्शन पर हो रहे प्रसारण पर सिर्फ देश के दर्शकों और निजी चैनलों कि नज़र नहीं होगी बल्कि पूरी दुनिया में इन तस्वीरों को पहुंचाने की ज़िम्मेदारी दूरदर्शन पर होगी। गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के लिए हाई डेफिनिशन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा और इसके लिए एक यूरोपिय कंपनी के साथ क़रार भी कर लिया गया है। कॉमन वेल्थ शुरू होने के पहले भी दूरदर्शन खास पेशकशों का सिलसिला शुरू कर देगा इनमें इस दौरान होने वाले हर खेल के बारे में दर्शकों को जानकारी देना और साथ ही साथ इनके दिलचस्प पहलुओं को रखना शामिल है। आने वाले दिनों में दूरदर्शन में प्रस्तुति के स्तर पर कुछ सुधार होने की बात भी अरुणा शर्मा ने इस खास बातचीत के दौरान कही।

चीन में हुए आयोजन और उसकी भव्यता से थोड़ा दबाव ज़रूर बना है लेकिन देश का राष्ट्रीय चैनल अपने साथ-साथ देश की साख को बचाए रखने के लिए पूरी तरह तैयार है। कॉमनवेल्थ खेलों की तैयारियों में हो रही देरी से दूरदर्शन की तैयारियों पर पड़ने वाले असर पर महानिदेशक का कहना है कि जहां तक स्टेडियम के अंदर कि तैयारियों का सवाल है वो ठीक गति से चल रही हैं और जैसे जैसे काम पूरा होता जा रहा है हम अपना सेट अप भी तैयार करते जा रहे हैं। उन्हें पूरी उम्मीद है की बचा हुआ काम भी जल्दी पूरा होगा और कॉमनवेल्थ के पहले उन्हें भी अपनी तैयारियों को आंकने का मौक़ा मिल पाएगा।

लेकिन तैयारियां सिर्फ कॉमनवेल्थ के लिए नहीं चल रही हैं बल्कि दूरदर्शन को प्रस्तुति और कार्यक्रमों की गुणवत्ता के आधार पर भी निजी चैनलों के मुक़ाबले खड़ा करने की तैयारी की जा रही है। हांलाकि ये भी साफ है की सरकारी चैनल होने की वजह से दूरदर्शन की अपनी बाध्यताएं हैं और इससे पहले भी जो प्रयास हुए हैं वो अपने चरम तक नहीं पहुंच पाए। अब देखना होगा कि पहले दूरदर्शन कॉमनवेल्थ गेम्स के प्रसारण को कितनी कामयाबी से दुनिया के सामने रखता है और फिर क्या बदलाव की ये बयार इन गेम्स के बाद भी जारी रहेगी?

1 टिप्पणी:

रोमेंद्र सागर ने कहा…

समय के साथ साथ सब कुछ बदलता है...बदलना चाहिए ही ! दूरदर्शन के लिए भी बदलाव का उचित समय है , वर्ना इन बेमतलब टी वी चैनलों की भीड़ में , यह सार्थक माध्यम पहले ही काफी पिछड़ चुका है...!