शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2010

विश्वास नहीं होता वो हमारे बीच नहीं रहे!


लाइव के दौरान अचानक एक फ्लैश ने मेरे पैरों तले की ज़मीन सरका दी। मुझे अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था। इस फ्लैश के मुताबिक एक्टर और लाइव इंडिया के कार्यक्रम ‘मेरी दीवानगी’ के एंकर निर्मल पांडे का निधन। पहले तो दिमाग़ में आया की कहीं ग़लती से तो नहीं चल गया ये फ्लैश, लेकिन अगले ही पल इयर फोन में पैनल प्रोड्यूसर श्याम की आवाज़ ने मुझे बुरी तरह से तोड़ दिया। उसने कहा दादा, निर्मल पांडे नहीं रहे, ह्दय गति रुकने से मुंबई में उनका निधन हो गया है। बाक़ी चैनल्स पर भी छोटी ख़बर और फ्लैश के तौर पर इस दुखद निधन को जगह मिली लेकिन मेरे और मेरे चैनल के लिए ये एक निजी क्षति भी थी।

निर्मल पांडे सिर्फ़ टेलिविजन और फिल्म कलाकार ही नहीं थे बल्कि वो लाइव इंडिया के क्राइम शो ‘मेरी दीवानगी’ के एंकर होने के नाते न्यूज़ चैनल्स का हिस्सा भी थे। इस दुखद खबर को दर्शकों तक पहुंचाते हुए मेरी आंखों में आंसू आना बहुत स्वाभाविक था। निजी तौर पर मुझे भी निर्मल पांडे के साथ एंकरिंग करने का मौक़ा मिला लेकिन उससे भी बढ़कर हर बार शूट के बाद मुलाक़ात में उनकी ज़िंदगी के फलसफों और क़ामयाबी के क़िस्से सुनना भी ज़िंदगी कि अहम यादों का हिस्सा है। मुझे बार-बार पिछली मुलाक़ात के दौरान उनसे हुई वो बातें याद आ रही थी जिसमें वो किसी बड़े प्रोजेक्ट का ज़िक्र कर रहे थे।

महज़ 46 साल कि उम्र में उनका यूं चले जाना एक्टिंग और एंकरिंग की दुनिया के लिए एक बड़ी क्षति है। इस रात की सुबह नहीं और बैंडिट क्वीन जैसी फिल्मों से पहचान बनाने के बाद बॉलिवुड के हर बड़े हीरो के विलेन के तौर पर भी वो कई फिल्मों नज़र आए। पर्दे पर खलनायक का किरदार निभाने वाले निर्मल हकीकत में बहुत ज़िंदादिल और खुशमिज़ाज इंसान थे। जल्द ही वो एक फिल्म का निर्देशन करने वाले थे और कई बड़े बैनर्स की फिल्म में एक्ट भी कर रहे थे। इसके अलावा वो एक एक्टिंग स्कूल का संचालन भी कर रहे थे। एनएसडी से निकले इस बेहतरीन अदाकार कि विदाई दुनिया से इस तरह होगी इसका अंदाज़ा किसी को नहीं था। शायद भागदौड़ की ज़िंदगी और बढ़ते कॉम्पिटिशन में ख़ुद को बनाए रखने का दबाव उनकी ह्दय गति रुकने की वजह बना, लेकिन मुझे अब भी विश्वास नहीं होता कि उनके जैसा ज़िंदादिल इंसान इतनी जल्दी टूट सकता है।

‘मेरी दीवानगी’ का आखिरी एपिसोड उन्होने पिछले शनिवार को ही शूट किया था और इसकी रॉ फुटेज में शूट के दौरान की गई उनकी मस्ती और मज़ाक देखकर अंदाज़ा नहीं होता की महज़ चार दिन बाद ये शख्स ह्दयगति रुकने की वजह से हमारे बीच नही होगा। सच कहूं तो अब भी भरोसा नहीं होता की निर्मल पांडे अब हमारे बीच नहीं रहे।

2 टिप्‍पणियां:

रोमेंद्र सागर ने कहा…

यकायक एक भूकंप की तरह आई इस खबर पर अभी तक यकीन नहीं हो रहा ! लेकिन फिर वही बात है कि " जीवन क्या है कोई ना जाने ....जो जाने पछताए " ! सिवाय एक दुखभरी सांस लेकर जीवन की क्षणभंगुरता को सोचने के अलावा कोई कुछ कर भी क्या सकता है ?

एक बेहतरीन अभिनेता की स्मृति को मेरी भाव भीनी श्रद्धांजली !

हितेष ने कहा…

वो एक प्रतिभाशाली और ग़ज़ब के कलाकार थे. इस रात की सुबह नहीं और दायरा जेसी फिल्मो में उन्होंने अभिनय की एक अलग परिभाषा लिखी है. भगवन उनकी आत्मा को शांतीदे.