शनिवार, 20 नवंबर 2010
बिग बॉस की बिग बहस
हम तो भई ऐसे हैं ऐसे ही रहेंगे, कहते हुए बिग बॉस मुंबई हाई कोर्ट पहुंचे और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को ठेंगा दिखाते हुए, कार्यक्रम को एडल्ट कार्यक्रमों की श्रेणी में रखते हुए रात 11 बजे के बाद दिखाए जाने के फरमान पर स्टे ले लिया। हमारे लोकतंत्र की खूबसूरती है की ग़लत काम करने वालों को भी मौक़ा मिलता है और इस मौके का भी फायदा उठाते हुए वो और गलत काम कर लेते हैं। पामेला पर किया हुआ खर्चा वसूल लिया बिग बॉस ने और 9 बजे ही कार्यक्रम का प्रसारण कर ‘पामेलियत’ को घर घर में उड़ेला। इसी तर्ज पर राखी को भी झटका लगा लेकिन यहां इमेजिन टीवी ने आईबी मिनिस्ट्री से पंगा लेने के बजाय फरमान को सर-माथे लगाया। हो सकता है पामेला की खर्चा वसूली के बाद राखी भी फड़फड़ा रही होंगी।
न्यूज चैनल्स ने ‘अपने’ मंत्रालय का सम्मान करते हुए बिग बॉस के विजुअल्स न दिखाकर एक दो दिन उसकी तस्वीरों से ही काम चलाया लेकिन तू डाल डाल मैं पात पात कहावत की इज्जत रखते हुए न्यूज चैनल्स भी पामेला की जय जयकार करते हुए टीआरपी के ट्रैक पर दौड़ने लगे। पर यक्ष प्रश्न अब भी बरकरार है क्या अश्लील टीवी पर लगाम लगाई जा सकती है और उससे भी बड़ा प्रश्न ये की क्या ये टीवी अश्लील है? क्योंकि बिग बॉस ग़लत कर रहा है ये कौन तय करेगा? आईबी मिनिस्ट्री, कोर्ट, न्यूज़ चैनल्स, जनता या सब मिलकर? खैर जवाब मिलने में थोड़ा समय लगेगा क्योंकि माननीय कोर्ट का अपना तरीक़ा है, अपनी बेईज्जती से बौखलाई मिनिस्ट्री चैनल और प्रोड्यूसर्स को बख्शने के मूड में नहीं और जनता जनार्दन कभी एकमत नहीं होती कुछ कार्यक्रम को पसंद करते है और उसे देखते रहना चाहते हैं तो बहुत से ऐसे भी हैं जो इसके फौरन बंद होने की मांग करते हैं। इस मसले पर टीवी चर्चाएं भी गर्म हैं और बिग बॉस के पुराने सदस्यों और विनर्स को भी टीवी पर चेहरा चमकाने का मौका मिल रहा है। ये वो चेहरे हैं जो या तो बिग बॉस के घर में दिखाई दिये या उसके बाद इस पर होने वाली न्यूज चैनल्स की चर्चाओं में।
हमें भी बिग बॉस के सभी विनर्स और कान्ट्रॉवर्शियल शख्सियतों से रूबरू होने का मौका मिला। बिग बॉस से ही पहचान पाने की बदौलत नमक हलाली करते हुए इनमें से लगभग सभी ने बिग बॉस का समर्थन किया और बिग बॉस के घर में बढ़ी अश्लीलता के घर के सदस्यों को जिम्मेदार ठहराया न कि चैनल और प्रोड्यूसर्स को। सबसे पहले बात बिग बॉस सीज़न 1 के विनर राहुल रॉय की जिनके जीवन की दो ही उपलब्धियां हैं पहली फिल्म आशिक़ी और दूसरी बिग बॉस सीज़न वन का ताज। ऐसे में राहुल कैसे बिग बॉस के खिलाफ बोल सकते थे सो गोलमोल बात करते हुए उन्होंने अश्लीलता को तो गलत ठहराया लेकिन साथ ही साथ दर्शकों को इसके लिए बराबर का जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना था कि टीवी का रिमोट दर्शक के हाथ में होता है क्या देखना और क्या नहीं देखना ये तय करने का अधिकार उसे है। इस चर्चा में बने हुए एक और मेहमान जो देश के जाने माने वकील विकास गुप्ता साहब थे, ने राहुल को आड़े हाथों लेते हुए कहा की ये गैर जिम्मेदाराना बयान है ये ठीक वैसा ही है जैसे आप सड़क पर नंगे दौड़ जाएं और कहें आपकी आंखे हैं जिसे देखना है देखे जिसे न देखना है वो अपनी आंखे बंद कर लें।
टीवी और फिल्म में ये फर्क है की एडल्ट सर्टीफिकेट वाली फिल्म में क्या है और इससे किसके साथ देखना या न देखना आप पहले से तय कर सकते है लेकिन इस तरह के अश्लील सीरियल्स बिना किसी चेतावनी के आपके घर मे बेधड़क घुसे चले आते हैं और खास तौर पर संयुक्त परिवारों में माता-पिता या अपने बच्चों के सामने इन्हे कौन देख सकता है। राहुल महाजन जब पायल की मसाज कर रहे थे तब इन्ही राहुल रॉय ने मेरे ही साथ एक अन्य कार्यक्रम में कहा था की कोई आश्चर्य नही की एक दिन टीवी पर किसी की सुहागरात भी बिक जाए।
आश्चर्य तो हुआ, क्योंकि ये समय बहुत जल्दी आ गया वैसे अपने इस पुराने बयान की इज्जत रखते हुए राहुल ने ये माना की कार्यक्रम बैन करने के बजाय उसके अश्लील कंटेंट को बैन किया जाना चाहिए। जब बात सुहाग रात की निकली तो अली मर्चेंट को भी सुन लीजिए क्योंकि ये जनाब भी नकली शादी और भारतीय टेलीविजन पर पहली लाइव सुहागरात के बात हमारे साथ लाइव थे। जनाब का कहना था अव्वल तो ये कि शादी फर्जी नहीं है क्योंकि पहले जो हुआ, जिसकी तस्वीरें सारा के परिवार ने दिखाई, वो सगाई थी आपसी झगड़े और नाराज़गी की वजह से सारा के परिवार वाले नाराज हैं सो उन्होंने इस मामले को तूल दे दिया। दूसरा सुहागरात का लाइव प्रसारण हो जाएगा उन्हें इसका अंदाज़ा नहीं था और वो खुद इस घटना से शर्मिंदा है। लेकिन चैनल को धोखबाज कहने और इस धोखे पर किसी कार्रवाई की बात से वो इंकार करते रहे क्योंकि भाई साब को आगे भी तो ऐसे ही काम चाहिए।
साफ है रोजी रोटी जब इन सब कार्यक्रमों से चल रही है तो कैसे नमक हरामी करें? साथ ही साथ ये भी तय है कि ये सब कुछ इनकी जानकारी में हो रहा है और बाहर निकल कर बची खुची इज्जत बचाने के लिए ये स्क्रिप्ट पहले से ही तैयार कर ली जाती है। जब सवाल सीज़न थ्री के विनर विंदु दारा सिंह से किया गया तो अपने सीनियर राहुल रॉय की तर्ज पर उन्होंने भी कहा की चाहे 9 बजे दिखाओ या 11 बजे चाहे बड़े हो या बच्चे जिसे जब देखना है वो तो देखेगा ही ज़बरदस्ती कार्यक्रम को बंद करने या समय बदलने का क्या मतलब? बिग बॉस को दर्शक पसंद करते हैं और आज के दौर का ये सबसे लोकप्रिय रिएलिटी शो है। तब विंदु दारा सिंह को उनके पिता के रामायण में निभाए किरदार और उसके असर को समझाना पड़ा। टीवी में कॉम्पिटिशन बढ़ा है लेकिन क्या इसमें जीतने का एकमात्र तरीक़ा अश्लीलता फैलाना ही है। कमाल ख़ान जो खुद गाली गलौच की वजह से ही सुर्खियों में आये थे वो कहते है अश्लीलता बढ़ गई है लेकिन शो का फ़ॉर्मेट ही कुछ ऐसा है की इसमें विवादास्पद और ख़बरों में बनी हुई शख्सियतों को ही घर में लाया जाता है ऐसे में वीना मलिक, पामेला एंडरसन आदि इत्यादि से आप क्या अपेक्षा रखते हैं।
बहस देखिए कहां से कहां पहुंच गई है, अश्लीलता और गालियां, बदलते वक्त की ज़रुरत बन गई है वो लोग जिन्हें शर्म से मुंह छुपाकर घर में बैठना चाहिए वो ही ऐसे शोज़ की मूलभूत ज़रूरत है, और अब आप से कहा जा रहा है देखना है तो देखो नही तो दूसरे चैनल पर बढ़ जाओ। सवाल ये की क्या वाकई में दर्शक की ही जिम्मेदारी है की वो खुद की नैतिकता खुद तय करे और अपने बच्चों पर भी निगरानी रखे की वो क्या देख रहे हैं? क्योंकि जहां तक सरकार का सवाल है उन के प्रयासों पर पामेला एंडरसन के लटके-झटके भारी पड़ गए हैं।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
1 टिप्पणी:
manoranjan ke naam par jo kuch bhi parosa jaye,nirnay hamara hai ki hum kya karte hai..remote ka button dabane bhar ki der hai !
एक टिप्पणी भेजें